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                                          अत : एक , नई शुरुआत !

                                                                       े
           ेेए   पाठक वप्रय !एक बाि बिवाओ | अिीि की बाि िुम्हार मन में भी गूूँजिी हैं क्या ? वो
                           े
                                                                ें
           पुरानी गिनियाूँ ,वो िुम्हारी पुरानी असफििाएूँ , वो हर गिि ननणयय जो िुमने शायद
                                     े
                                                              े
           िापरवाही में लिया हो ,िेर हदि को िीर की िरह छदिी है क्या ?
           चिो आओ भूििे हैं वो सारी गिनियाूँ जो िापरवाही से की थी िुमने | भूि जाओ न जो
           गुजर चुका है | क्या करोग अूँधेरों को याद कर क े , एक पूरा उजािा आसमाूँ िेरा इिजार कर
                                      े
                                                                                              ां
                                                                              े
           रहा है | हाूँ माना , अभी हारा -सा महसूस होिा है िुम्ह , अभी थक -थक से हो िुम | थोडा
                                                                                    े
                                                                  ें
           आराम कर िो , सांभाि जाओ          जरा- सा ,खुद को गहराई से समझो िुम | बाज जैसे पांख हैं
           िुम्हारी शेर – सा हौसिा है िुम्हारा , और चीहटयाूँ सी ननरन्िरिा भी | सोचने दो न जो िुम्ह     ें
           नीचा हदखािे हैं | िुम कफर से उठो , उडो िुम बाज क े पांखों क े साथ , उठो िुम घायि शेर
           की िरह और जीि िो न दुननया को |
           माना उम्र छोटी रही िुम्हारी , पर सपने िो बडे हैं | भववषया उजवाि है िुम्हारा िुम भूि
           जावो    न आिीि को | चमको िुम लसिारों की िरह , रहो शाांि जैसे नदी बहिी है , मि
           हदखाना जो समांदर उफनिा है िेर अांदर |
                                            े
           ये सारी गिनियाूँ और असफििा भूिकर िुम एक नई शरुआि करो | रोिे हए लससको नहीां ,
                                                                                       ु
           िुम मुस्करा कर िडने की बाि करो |






                                                                                          Manisha Minj
                                                                                          B.Com Sem1


                                   बीतें हए पलों और भविष्य की दशशक
                                          ु


             कभी-कभी अिीि की गूज सुनाई दिी है, हवा की धीमी सी लससककयों में खो जािी ह।
                                                                                               ै
                                              े
                                     े
                                   ां
                                                                  ां
             क्षणों की कढ़ाई, चमकदार बनी हई, धीमी रोशनी में धुधिािा हआ क ैनवास।
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                                                                          ु
                             ां
             सपनों का बहरगी दायरा, नृत्य करिा है, िारों की चमक में भववष्य का वादा
                           ु
                           ै
             झझिलमिािा ह।
             एक रास्िा खुििा है, एक यात्रा अभी अनजानी, आशा का बीज, एक हदि उिट-पुिट
             जािा ह।
                    ै
             आत्मा क े भीिर, एक भूि भुिया खुििी है, ववचारों का भांवर, जहाूँ सच नछपा होिा ह।
                                                                                                ै
                                           ै
             एक साधक की खोज, एक आत्म की िािसा उडान, अांदर की यात्रा, मागयदशयक प्रकाश
             की ओर।
             गूज दशयक, एकाकार हो जािे हैं, अिीि, वियमान और भववष्य का सांगीि।
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                                                                                  ां
             हर साांस में, एक कहानी लमििी है, भीिर का ब्रहमाांड, जहाूँ आत्माएां गूजिी ह।
                                                                                        ैं
                                                                                          Priya Kumari
                                                                                 BA(Economics) sem 1
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